कोरोना के यह दूसरी
लहर पूरी दुनिया के लिए खतरा बनती जा रही है। पिछले 24 घंटे में ही दुनिया भर में 6. 31 लाख नए केस सामने आए। इस दौरान 7,991 लोगों की मौत भी
हुई। भारत में भी कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। वर्तमान परिस्थिति में भारत विश्व का दूसरा सबसे
संक्रमित देश बन गया है। भारत में अब तक 1.35 करोड़
लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
अमेरिका अभी भी 3.19 करोड़ संक्रमितों की संख्या के साथ विश्व का सर्वाधिक संक्रमित देश है। ब्राज़ील 1.34 करोड़ संक्रमितों की संख्या के साथ भारत के बाद तीसरे नंबर पर है।
इस समय भारत में
कोरोना की लहर सबसे तेज़ है । पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना के रिकॉर्ड 1,68,912
नए मामले सामने आए
हैं, जबकि इस
दौरान 904 लोगों
की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई है। यह अब एक दिन में संक्रमितों और मरने
वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारत में अब तक 1,35,27,717 लोग संक्रमित हो चुके है। 12 लाख से अधिक लोगो का अभी भी विभिन्न अस्पतालों
में इलाज चल रहा है।
देश के 16 बड़े राज्य जिनमे महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, केरल, तेलंगाना, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल है इन
राज्यों में परिस्थिति चिंताजनक है। महाराष्ट्र की स्थिति सबसे ख़राब है । यहाँ पर स्थिति पर काबू पाने के लिए कड़े लॉक
डाउन का निर्णय लिया जा सकता है ।
मध्यप्रदेश में
लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के बाद भी संक्रमण की दर कम नहीं हो रही है। प्रदेश के 4
बडे़ शहर इंदौर,
भोपाल , जबलपुर एवं ग्वालियर में स्थिति सबसे
अधिक खराब है। 50 प्रतिशत से अधिक मरीज इन्हीं
शहरों में मिल रहे हैं। 24 घंटे के अंदर इंदौर और ग्वालियर में 6-6 मौतें कोरोना से हुई
हैं, वहीं
भोपाल में 3 और जबलपुर में 4 मौतें हुई हैं। जहाँ तक राजधानी भोपाल की बात
करें तो यहाँ कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर
भयावह हो गई है। पिछले 24 घंटे में भोपाल में 823 मरीज सामने आए हैं, एवं 3 की मौत हुई है। शहर के 51 सरकारी और निजी
अस्पतालों में मौजूद 900 से ज्यादा वेंटिलेटर में से 700 पर संक्रमित भर्ती
हैं। इनमें भी कई मरीज गंभीर हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने अप्रैल के 10
दिन में 40 वेंटिलेटर बढ़ाए,
लेकिन इन्हीं दिनों
में शहर में 5647 संक्रमित मिल चुके हैं। मध्य प्रदेश में संक्रमण दर 16 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
मध्यप्रदेश में
कोरोना के हालात बिगड़ने का असर सरकारी ऑफिस पर पड़ा है। राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में
कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है। मंत्रालय व राज्य स्तरीय कार्यालयों में
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25% रोटेशन से होगी, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के
अधिकारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी। जिलों में इस संबंध में कलेक्टर निर्णय
लेंगे।